स्वच्छ भारत मिशन को मुँह चिढ़ाती गया नगर निगम की कार्यशैली
गया शहर में गन्दगी के कारण लोगो को हो रही है परेशानी, परन्तु गया नगर निगम आँख और कान बंद करके चुपचाप बैठी हुई है। जहा एक तरफ गन्दगी ने लोगो का जीना मुहाल कर रखा है वही नगर निगम के द्वारा लम्बे चौड़े दावे किये जाते हैं , जो की सच्चाई की कसौटी पर कही भी खरे नहीं उतरते हैं । शहर से कचड़े का उठाव सही समय से नहीं होने कारण कचड़ा सड़क के किनारे हीं पड़ा रहता है और उस कचड़े से भयानक बदबू आती है जिसके कारण लोग उस जगह से गुजरते वक़्त अपने नाक और मुँह को बंद कर लेते हैं । एक तो कचड़े की उठाव सही समय पर नहीं हो पाती है और यदि लेट लतीफी से उठाव हुआ भी तो इस कचड़े को उठा कर गाँधी मैदान चर्च के पास रखा जाता है। जब कचड़ा भारी मात्रा में एकत्रित हो जाती है उसके बाद शहर के बहार उसे फिकवाया जाता है।नगर निगम के पास कचड़ा जमा करने के लिए जो जगह मिला है वो है चर्च के बगल में गाँधी मैदान के पास है ।
बहुत ही हास्यप्रद स्थिति है। सोचने वाली बात है गली मोहल्ले से कचड़ा को उठा कर शहर के बीचोबीच धार्मिक स्थल चर्च के पास जमा करने की आखिर जरुरत क्या है ? यदि नगर निगम कचड़े को एकत्रित कर एक साथ हटवाना चाहती है तो उसके लिए सही जगह का चुनाव करना चाहिए जो शहर के बाहर हो।शहर में स्वछता बनाए रखने की जिम्मेवारी नगर निगम के कंधो पर होती है परन्तु गया नगर निगम की कार्यशैली आमजन के समझ से परे है। जहाँ एक ओर सफाई और स्वछता की बात की जाती है वही दूसरी ओर गन्दगी का अम्बार शहर में देखने को मिलती है। गया नगर निगम के द्वारा सही समय पर कचरे का उठाव नहीं होने के कारण लगभग शहर के हर क्षेत्र में सड़क के किनारे कचड़ा बिखरा हुआ दिखाना आम बात है।
नगर निगम के द्वारा स्वछता का दावा करना बेमानी है। नगर निगम की कार्यशैली से आमजन को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कूड़े के जमाव के कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ा हुआ है परन्तु नगर निगम मौन बैठकर तमाशा देख रही है।
क्या इस प्रकार स्वक्छ भारत मिशन को सफल बनाया जा सकता है। स्वक्छ भारत मिशन की सफलता के लिए नगर निगम में दृढ इक्छा शक्ति का होना बहुत आवश्यक है। कथनी और करनी में अन्तर नहीं होना चाहिए। जो कमियां हैं उन कमियों को दूर करना होगा। स्वच्छ भारत मिशन की सफलता के लिए नगर निगम को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा।
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