गया, बिहार। जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम ने किया दो ऐतिहासिक पुस्तकों का विमोचन। बोधगाया प्रबंधकारिणी समिति ने कराया प्रकाशन। दिनांक 11 जुलाई 2023 को विभिन्न बौद्ध मंदिरों एवं मठों के भिक्षु संघ की उपस्थिति में बीटीएमसी द्वारा दो ऐतिहासिक पुस्तकों का विमोचन गया के जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम के द्वारा किया गया। विमोचित दोनों पुस्तके " द होली बुद्धा ट्री " एवं दी मॉन्यूमेंट्स ऑफ महाबोधी महाविहार " का प्रकाशन बोधगया प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों द्वारा कराया गया है। बता दें कि दी होली बुद्धा ट्री नामक इस ऐतिहासिक पुस्तक में बोधि वृक्ष की ऐतिहासिक जानकारियां एवं स्वास्थ्य समस्याओं के निवारण हेतु बीटीएमसी द्वारा वन अनुसंधान देहरादून से वर्ष 2007 में किए गए एमओयू हस्ताक्षर के पश्चात् इसकी देखभाल एवं विस्तृत जानकारी समाहित की गई है। गौरतलब है कि इस वृक्ष के संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसे सेवा निवृत्त वैज्ञानिक डॉक्टर एनएसके हर्ष एवं सुभाष नौटियाल द्वारा तैयार किया गया है। वहीं विमोचित की गई अन्य पुस्तक दी मॉन्यूमेंट्स ऑफ महाबोधी महाविहार में सम्राट अशोक के समय से लेकर अब तक महाबोधी मंदिर परिसर के चारों ओर निर्मित प्राचीन कलात्मक स्मारक, पत्थर की रेलिंग, पैनल, स्तूप, चैत्य एवं विभिन्न शिलालेखों का सचित्र संग्रह बनाया गया है। इन स्मारकों पर तराशी गई कई रूपांकन प्रतीकात्मक हैं एवं बौद्ध धर्म के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस पुस्तक में धरोहरों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है जिसमें स्थापत्य एवं कलात्मकता को प्रस्तुत किए जाने का हर संभव प्रयास किया गया है। बताते चलें कि इस पुस्तक को तैयार करने में बीटीएमसी सदस्या डॉक्टर महाश्वेता महारथी का भरपूर योगदान है। पुस्तक के विमोचन के दौरान जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम ने कहा कि बीटीएमसी का यह प्रकाशन समस्त मानव जाति एवं बौद्धों की सेवा में समर्पित है। दुनिया भर में प्रसिद्ध इस बोधि वृक्ष की जानकारी को लोगों तक पहुंचाने में यह पुस्तक काफ़ी उपयोगी साबित होगी। जानकारी हो कि इन दोनों पुस्तको को पर्यटकों के लिए बीटीएमसी बुक शॉप में रखी जायेगी। इस मौके पर पुस्तक के प्रकाशक टीम के सदस्यों को भी विशेष तौर पर बधाई दी गई एवं खादा देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सभी बुद्धिस्ट मोनास्ट्री के प्रभारीगण, बीटीएमसी सचिव श्री एन दोरजी, मुख्य पुजारी भिक्षु चलिंदा, एवं बीटीएमसी कार्यालय के अन्य कर्मी उपस्थित रहें।
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