कानपुर, उ.प्र.। दिनांक 13 मार्च 2023 को कानपुर शहर के सरसैया घाट में मनाया गया ऐतिहासिक होली गंगा मेला। मेले का शुभारंभ जिलाधिकारी श्री विशाख जी तथा पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के द्वारा झंडोतोलन कर तथा क्रांतिकारियों की शिलालेख पर पुष्पांजलि कर किया गया। जानकारी हो कि कानपुर का यह होली गंगा मेला विश्व प्रसिद्ध होली मेला है, जिसके पीछे की कहानी बड़ी ही रोचक तथा भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई से जुड़ी हुई है। ब्रिटिश सरकार की हुकूमत के दौरान अंग्रेजों के द्वारा, कानपुर में होली का पर्व मनाने पर पाबंदी लगा दी गई थी, जिस आदेश की अवहेलना कर कुछ क्रांतिकारी नवयुवकों के द्वारा हटिया के रज्जन बाबू पार्क में नवयुवक बाबू गुलाब चंद सेठ के नेतृत्व में एकत्रित होकर तिरंगा फहरा कर एवं भारत माता की जयकार के साथ होली खेली गई थी, जिन्हें अंग्रेजों के द्वारा पार्क को चारों ओर से घेर कर गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए, उनकी रिहाई की मांग को लेकर कानपुर वासियों ने आजादी की होली खेली थी, तथा उन्होंने कहा था कि जब तक उन सभी क्रांतिकारी नवयुवकों को रिहा नहीं किया जाएगा, वे लोग निरंतर होली खेलते रहेंगे, और यह होली लगातार कई दिनों तक चलता रहा था। परिणाम स्वरूप अनुराधा नक्षत्र के दिन ही अंग्रेजी हुकूमत को कानपुर वासियों की मांगों को पूरा करना पड़ा और सभी गिरफ्तार क्रांतिकारि नवयुवकों को रिहा किया गया, जिसके बाद से प्रत्येक वर्ष अनुराधा नक्षत्र में कानपुर वासियों के द्वारा भव्य होली गंगा मेले का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम के दौरान ठेले के रंग का भी शुभारंभ हुआ जो हटिया रज्जन बाब पार्क से प्रारंभ होकर, जनरलगंज बाजार, मनीराम बगिया, मेस्टन रोड, चौक, टोपी बाजार, कोटवालेश्वर मंदिर चौक से होते हुए, चौक सर्राफा, कोतवाली चौराहा, फीलखाना, बिरहाना रोड, से होकर, पुनः रज्जन बाबू पार्क में आकर संपन्न हुआ जिसमें शहर के सैकड़ों लोग उपस्थित रहें।
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